१५ अगस्त को क्या है? छुट्टी??

१५ अगस्त को क्या है? छुट्टी??

पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के कुछ दिनों पहले मैंने कक्षा में विधार्थियों से पूछा कि १५ अगस्त को क्या हैं?
सबने हँसते हुए सर्वसम्मति से कहा कि “मैम छुट्टी है।”
फिर एक छात्र ने कहा, “मैम स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी है।”
मैंने पूछा,”आप लोग क्या करते हैं इस दिन?”

ज्यादातर का उत्तर था, छुट्टी है तो सुबह देर से सोकर उठते हैं, फिल्म देखने जाते हैं या सेल होती है तो मम्मी पापा के साथ मॉल जाते हैं, बाहर घूमने जाते हैं।

आश्चर्य होता है कि देश की आजादी के लिए कितने लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी। कितने ऐसे बलिदानी है जिनके नाम तक आज की पीढ़ी को नहीं पता है। आज भी हमारी आजादी के लिए सीमा में सैकड़ों फौजी हर साल शहीद हो रहे हैं और हमारे देश के भविष्य, हमारे बच्चों को इस आजादी का मतलब और कीमत नहीं पता। इनके लिए स्वतंत्रता दिवस का अर्थ सिर्फ छुट्टी है?

                     आजकल ज्यादातर लोगों के लिए आजादी का मतलब नियम तोड़ना हो गया है। किशोरों का स्कूल में अनुशासन भंग करना और स्कूल के निर्देश न मानना आजादी है। घर में माता-पिता की बात न मानना आजादी है। सड़क पर थूकना, गंदगी फैलाना आजादी है। मैंने कई लोगों को कहते सुना है कि “अरे यार अगर सड़क पर एक रैपर नहीं फेंक सकते तो क्या फायदा आजाद देश में पैदा होने का। आजाद देश में रहते हैं, हम तो मर्ज़ी के मालिक हैं।” सड़क पर ट्रैफिक के नियम न मानना भी आजादी है।यही बच्चे बड़े होकर देश के विकास में भी बाधा डालते हैं। भ्रष्टाचार करना, सार्वजनिक सम्पत्ति (बस, ट्रेन) में गंदगी फैलाना या तोड़ फोड़ करना भी आजादी है।

                 ये हम कहाँ जा रहे हैं? इसे हम कैसे रोक सकते है? इसके लिए पहले हमें स्वयं को बदलना होगा।जैसा हमारा आचरण होगा वैसा ही बच्चे सीखेंगे।

                                इस साल मैंने बच्चों को स्वतंत्रता दिवस से पहले कुछ गृह कार्य दिए जिससे कि वो १५ अगस्त के विशेष दिन को विशेष तरीके से मनाए।

स्वतंत्रता दिवस की दो दिन की छुट्टी होती है। १५ अगस्त और १६ अगस्त।

१:इन दो दिनों की छुट्टी में कम से कम ५ अनसुने स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में एक पैरा लिखकर लाना। एक-एक उदाहरण मैंने उनको बताया जैसे,
खुदीराम बोस: 
जन्म: 3 दिसंबर 1889

मृत्यु: 11 अगस्त 1908

भारतीय स्वाधीनता के लिये मात्र १९ साल की उम्र में देश की आजादी के लिये फाँसी पर चढ़ गये थे। १९०५ में बंगाल विभाजन के समय कलकत्ता के मॅजिस्ट्रेट किंग्जफोर्ड ने क्रांतिकारियों क्रूर दण्ड दिये थे। इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने किंग्जफोर्ड को पदोन्नति देकर मुजफ्फरपुर में सत्र न्यायाधीश के पद पर भेजा। ‘युगान्तर’ समिति कि एक गुप्त बैठक में किंग्जफोर्ड को मारने का निश्चय हुआ। खुदीराम बोस को यह कार्य सौंपा गया परन्तु किस्मत से न्यायाधीश बच गए और दो ब्रिटिश औरतें मारी गई। खुदीराम पकड़े गए और उन्हें फाँसी की सजा हुई। वह सबसे कम उम्र में शहीद बने।(स्रोत: गूगल)

२: इस साल शहीद हुए ५ जवानों की जीवन से जुड़े तथ्य तथा शहादत।
कप्तान कपिल कुंडू :
इनका जन्म 10 फरवरी 1995 को हुआ था। 23 वें जन्मदिन से ठीक 6 दिन पहले, 4 फरवरी 2018 को फायरिंग में शहीद हुए थे।शहीद कैप्टन कपिल कुंडू अपने माता-पिता के एकमात्र पुत्र थे । उनके पिता इस दुनिया में नहीं है। कैप्टन कुंडू जनवरी 2018 में ही कैप्टन बने थे । वह जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में तैनात थे।वर्ष 2012 में कपिल का एनडीए में सिलेक्शन हुआ था, जहां से वे भारतीय सेना के लिए चुने गए थे।बचपन से ही वे देशभक्ति एवं त्याग की भावना से भरे हुए थे । उनकी  जिंदगी का धेय्य वाक्य था ‘जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। (स्रोत: गूगल)

३: इस साल के ५ बहादुर बच्चों के नाम तथा उनके कारनामे।
बेट्श्वाजॉन पेनलांग:
मेघालय के 12 साल, 11 महीने के बेट्श्वाजॉन पेनलांग को उनकी बहादुरी के लिए बापू गैधानी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। घटना 23 अक्तूबर, 2016 की है जब बेट्श्वाजॉन और उसका तीन वर्षीय भाई आरबियस घर पर अकेले थे। इसी दौरान उनकी झोपड़ी में आग लग गई। बेट्श्वाजॉन उस समय घर से बाहर आया हुआ था, उसने जैसे ही देखा कि झोपड़ी में आग लग गई है वह तुरंत अपनी अपने भाई को बचाने के लिए आग की लपटों के बीच झोपड़ी में गया। खतरे और दर्द को सहते हुए बेट्श्वाजॉन ने अपने तीन साल के भाई को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि इसमें उसका दाहिना हाथ और चेहरा बुरी तरह से जल गया और हाथ की उंगलियां खराब हो गईं। (स्रोत: गूगल)

४: १६ अगस्त की सुबह सैर पर जाना और जहाँ भी तिरंगा दिखे उसे उठाना और अगले दिन स्कूल ले आना।

५: पूरे साल आपने अपने देश के लिए क्या किया और क्या कर सकते हैं? किसी भी ५ काम के बारे में लिखें।‌

इस छोटे से प्रयास से शायद बच्चे अपने देश को थोड़ा और समझ पाये और देश के साथ थोड़ा और जुड़ पाये।  इस स्वतंत्रता दिवस आप भी अपने बच्चों को सिर्फ छुट्टी न मनाने दें। थोड़ा अपने देश को जानने की कोशिश करें। देश को जानेंगे, प्यार करेंगे, स्वतंत्रता की कीमत जानेंगे तो एक बेहतर नागरिक बनेंगे। एक जिम्मेदार नागरिक ही देश को विकास की राह में आगे ले जाते हैं।

आप सबको स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।

Soma Sur

A mother of two lovely boys. An educationists by profession. An artist by nature. Always interested in creative side of everything. Reading is my passion and writing is my expression.